रविवार, 11 दिसंबर 2011

आधार कार्ड: देश से बेमानी

आज देश के कोने कोने में आधार कार्ड बड़ी ही तेजी के साथ बनाये जा रहे है आम जनता को बताया जा रहा की यह एक विशेष पहचान कार्ड होगा. अगर यह एक विशेष पहचान कार्ड है तो क्यों नहीं सभी पहचान एक रखी गयी --- मेरे कहने का मतलब है की जब ये कार्ड किसी यंत्र से रीड क्या जायगा तो क्यों नहीं इसे ऐसे प्रोग्राम किया गया के उसे बार बार अपडेट किया जा सके और यह अपडेट की अथोरिटी केवल गवर्मेंट सेक्टर के पास हो. इसके लिये सभी चीजो का एक ही नंबर होना चाहिए जैसे ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, पैन , बैंक अकाउंट आदि. मेरे हिसाब से ऐसा होने से बेमानी से कुछ तो छुटकारा मिलेगा. यहाँ पर आप कह सकते है की ऐसा करने से बैंको को घाटा  होने लगेगा, क्योंकि आप का तर्क हो सकता है की कई लोग एक से ज्यादा बैंक मे अकाउंट रखते है. तो कोई बात नहीं एक ही अकाउंट नंबर पर एक से  ज्यादा बैंक मे अकाउंट खोले जाये और हर बैंक को अधिकार हो की उस कार्ड में उस व्यक्ति का बैंक का हिसाब अपडेट कर सके . इस तरह सभी बैंक करे जिसे के ब्लैक मनी आप छुपा नहीं सकते. पैसा जमा करने के लिये पासवर्ड के रूप में खो की स्कैनिंग और फिंगर प्रिंट को अनिवार्कर देय जाए . इस प्रकार उस कार्ड से सम्बंधित सभी बैंको की कुल रकम और लेन देन का व्यवरा  सामने जायेगा. यदि ऐसा हो तो इस आधार कार्ड का मतलब बनता है वर्ना सिर्फ कमीशन खोरी का सबब.

4 टिप्‍पणियां:

  1. सही -- अपराधी भी हर बेंक को निशाना नहीं बना पायेंगे.... भ्रष्ट लोग बहुत से छुपे अकाउन्ट नहीं रख पायेंगे....

    जवाब देंहटाएं
  2. सभी का एक ही नंबर अगर न भी हो तो व्यक्ति के आधार नंबर से सम्बद्ध बाकी सब कागज़ होने चाहिए ......... जैसे की ड्राइविंग लाइसेंस तो लोगों के पास पहले ही हैं पर अब जो आधार नंबर उन्हें मिले उनके लाइसेंस, पासपोर्ट इत्यादि दस्तावेजो को उस आधार संख्या से सम्बद्ध कर देना चाहिए !!

    जवाब देंहटाएं